कोरोना पॉजिटिव केस मिलने वाले रानीपुरा, निपानिया, खातीवाला टैंक, चंदननगर और खजराना को तीन किलोमीटर के हिस्से में पुलिस-प्रशासन ने पूरी तरह सील करने का दावा किया है। पर हकीकत में इन क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमण रोकने के प्रयास गंभीर स्थिति में हैं।
कॉलोनी के मुख्य गेट पर पुलिस ही नहीं जवान जानते ही नहीं ये कंटेनमेंट एरिया है
खजराना से दिनेश जोशी...
प्रशासन ने खजराना रोड स्थित जिस दाऊदी नगर को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया, वहां सब कुछ नियमित दिनों की तरह नजर आया। लगा ही नहीं कि एक दिन पहले यहां एक घर से कोरोना संक्रमित मरीज मिली है। कॉलोनी में घुसते ही लोग घरों के बाहर बैठे नजर आए। जिस घर से कोरोना का मरीज मिला, उसके ठीक पास वाले घर का भी दरवाजा खुला था। न तो कॉलोनी के मुख्य गेट पर पुलिस नजर आई और न निगम की टीम। हां, औपचारिकता पूरी करने स्वास्थ्य विभाग की टीम जरूर पहुंची थी। लोगों को घरों में रहने की हिदायत और घर तक जरूरी सामान पहुंचाने का आश्वासन देकर रवाना हो गई। कुछ मीटर दूर चौराहे पर खड़ी पुलिस लोगों से आने-जाने का कारण जरूर पूछकर दस्तावेज भी चेक करती है, लेकिन एरिया को कंटेनमेंट घोषित किए जाने की ज्यादा जानकारी उन्हें भी नहीं है। इसी कॉलोनी में रहने वाले आरिफ बताते हैं सुबह थोड़ी हलचल और डर का माहौल जरूर था। प्रशासन की तरफ से कोई खास मदद या सख्ती नहीं की गई।
मुख्य मार्ग से रोक लेकिन कॉलोनी में आ-जा रहे लोग
दाऊदी नगर को बफर जोन में प्रवेश से रोक के लिए चारों तरफ मुख्य मार्ग पर तो पुलिस तैनात थी, लोगों को रोका भी गया, मगर आसपास की कई कॉलोनियों से दाऊदी नगर आने वालों पर कोई सख्ती नहीं थी, न कोई देखने वाला था। जो दावा था कि हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग होगी, वह भी कुछ लोगों तक सीमित रह गया। आसपास के चार-पांच घरों में रहने वाले कुछ लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जो भी कोरोना संक्रमित महिला मरीज के संपर्क में आया, उनके नाम तक पता नहीं चल सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम ने लोगों से पूछताछ जरूर की लेकिन अब भी यहां वैसी गंभीरता नजर नहीं आई जो जरूरी है, क्योंकि आसपास के लोग सामान्य दिनों की तरह इधर-उधर जा भी रहे हैं और लोगों से मिल भी रहे हैं।
गाड़ियों पर प्रतिबंध, लेकिन न लोगों की जांच हुई न ही जरूरी सामान पहुंचा घर
खातीवाला टैंक से अनुराग शर्मा...
खातीवाला टैंक और सैफी नगर में वाहनों को रोकने के लिए पुलिस ने माणिक बाग ब्रिज के पास से खातीवाला टैंक के रास्ते पर रोक लगाई थी। कम ही लोग आवाजाही कर रहे थे। खातीवाला टैंक में पिछले 15 सालों से किराना दुकान चला रहे नरेश पालीवाल के अनुसार शुक्रवार तो यहां कोई सैनिटाइज करने वाली गाड़ी नहीं आई। न ही कोई मेडिकल टीम दिखाई दी। स्नेह नगर और अग्रवाल नगर में आवाजाही रोकने के लिए पुलिस ने सपना-संगीता रोड पर खासा बंदोबस्त किया था। अग्रसेन चौराहा और टॉवर चौराहा से छोटे-बड़े किसी भी वाहन को प्रवेश नहीं दिया। पुलिस की मोबाइल वैन राशन, सब्जी और दवाई जैसी चीजें लेने के लिए निकले रहवासियों को घर डिलीवरी की बात कह वापस लौटाती नजर आ रही थी। निगम मुख्य मार्ग सहित गलियों में सैनिटाइजर का छिड़काव कर रहा था। यहां आवश्यक वस्तुएं घर तक पहुंचने या मेडिकल टीम के सर्वे की बात सिर्फ दावा ही नजर आई। स्नेह नगर से सटे सर्वोदय नगर के रहवासी रोशन रोचवानी और गगन जेसवानी के अनुसार जिस घर में कोरोना पाॅजिटिव लोग मिले हैं वो हमारे घर से महज दो सौ मीटर दूर है। यहां ना तो कोई मेडिकल टीम चेकअप करने आई है न ही आवश्यक वस्तुएं घर पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं। हां दूध और सब्जीवालों का आना बंद जरूर करवा दिया है। सपना संगीता मुख्य मार्ग निवासी स्वप्निल तिवारी के अनुसार नगर निगम की गाड़ियों से सैनिटाइजिंग हो रही है लेकिन सर्वे करने के लिए शुक्रवार को हमारी बिल्डिंग में कोई नहीं आया।
पॉजिटिव महिला के घर के पास सिर्फ लावारिस बैरिकेड्स लगाकर बना दिया कंटेनमेंट एरिया, कोई भी आ-जा रहा था
स्कीम 71 (चंदन नगर) से राघवेंद्र बाबा...
यहां न तो कोई पुलिसकर्मी तैनात था न ही प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद थी। लोग मर्जी से आना-जाना कर रहे थे। कंटेनमेंट एरिया बनाने के नाम पर कॉलोनी में घुसने वाले 10 रास्तों में से सिर्फ तीन के सामने लावारिस बैरिकेड्स लगा दिए हैं। अभी तक यहां लोगों में दहशत है। चंदननगर थाने के सामने वाली पट्टी में रहने वाली कोरोना पॉजिटिव मिली महिला के घर शुक्रवार सुबह 10.30 बजे पहुंचे तो रास्ते में सिर्फ तीन गलियों में बैरिकेड्स लगे थे। न तो कोई जवान था न कोई स्वास्थ्य कर्मी। गली में खरीदारी करने वाले और घूमने फिरने वालों की चहल-पहल थी, लेकिन सबमें एक दहशत जरूर थी। तीन किलोमीटर का क्षेत्र घेरने की बात तो दूर महिला के पड़ोस वाला घर भी चिह्नित नहीं किया। यहां हर कोई बाहरी व्यक्ति आ सकता था और अंदर का व्यक्ति बाहर जा सकता था। पॉजिटिव मिली महिला के पड़ोसियों का कहना है कि प्रशासन का दावा है कि स्वास्थ्यकर्मी 50 लोगों का सर्वे करेंगे, लेकिन ऐसा तो कुछ भी नहीं हो रहा है। रहवासी फजल शेख ने कहा कोई घेराबंदी नहीं है। सिर्फ एक दिन पहले बैरिकेड्स लगा दिया है। किसी भी तरह की होम टू होम डिलीवरी नहीं हो रही है। प्रशासन ने हमें सिर्फ यहां मरने के लिए छोड़ दिया है। कोई एहतियात नहीं है। आटा चक्की चलाने वाले अब्दुल वाजिफ ने कहा मेरी दुकान के पास में रहने वाली महिला कोरोना पॉजिटिव निकली है, लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है। वह महिला कितने लोगों से मिली है और किस-किस के संपर्क में थी, यह किसी को भी पता नहीं है। रहवासी शोएब खान कहते हैं आप और मैं कोरोना पॉजिटिव निकली महिला के घर से तीसरे घर पर खड़े हैं। आप खुद देखिए कि यहां कोई पुलिस नहीं है। न ही स्वास्थ्य विभाग की टीम है। वहीं रहवासी सूफियान खान कहते हैं बुजुर्ग महिला पॉजिटिव निकली है, जिससे पूरे इलाके में डर है, लेकिन पुलिस या प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं बनाई है। सुबह अखबारों में पढ़ा था कि व्यवस्था अच्छी होगी, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।
लोग रोड पर, कोई रोकने वाला नहीं
रानीपुरा से प्रणय चौहान...
कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित होने के बाद भी रानीपुरा व दौलतगंज में शुक्रवार को लोग घूमते दिखे। कोरोना वायरस के चलते दौलतगंज में एक परिवार के चार-पांच सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं। बावजूद रहवासी उनके घर के सामने पानी की टंकी से बिना मास्क के पानी भरते नजर आए। रहवासी बैरिकेड्स कूदकर जवाहर मार्ग पर आना-जाना कर रहे थे। रानीपुरा मेन रोड पर कोरोना से पीड़ित एक बुजुर्ग की बुधवार को मौत हो गई। इसके बाद रानीपुरा मेन रोड को बंद कर दिया गया। यह सख्ती सिर्फ मेन रोड पर थी। आमजन रानीपुरा की गलियों से आना-जाना कर रहे थे।
दूर-दूर तक एक पुलिस जवान न दिखा, मेडिकल की टीम नहीं पहुंची जांच करने
निपानिया से संजय गुप्ता...
मैपलवुड टाउनशिप, निपानिया में तीन किमी तो दूर टाउनशिप के बाहर सौ मीटर के दायरे में भी एक पुलिस जवान, मेडिकल टीम, एग्टिव पॉइंट पर किसी तरह की जांच नहीं हो रही थी। टाउनशिप से भी लोग अंदर-बाहर होते रहे। राहत की बात यही है कि यहां नगर निगम की टीम द्वारा सुबह-शाम टाउनशिप के अंदर और बाहर के क्षेत्र में दवा का छिड़काव किया जा रहा है और वहीं टाउनशिप के गार्ड, सुपरवाइजर द्वारा अंदर सैनिटाइज िकया जा रहा है। सुपरवाइजर राजेश कौशल ने बताया कि सब्जी व जरूरी सामान की आपूर्ति होम डिलीवरी के माध्यम से हो रही है। िजस ब्लॉक के जिस फ्लोर पर कोरोना के एक पॉजिटिव मरीज मिले, उनके घर पर भी एक बार टीम आई थी और जानकारी लेकर चली गई है। अभी टाउनशिप में किसी तरह का सर्वे भी शुरू नहीं हुआ है। टाउनशिप में 300 से ज्यादा फ्लैट हैं, जिसमें 200 के करीब परिवार रहते हैं। जिस ब्लॉक में मरीज मिले थे, वहां की लिफ्ट का लोग डरकर उपयोग नहीं कर रहे हैं और यदि सामान लेने नीचे जाना होता है तो भी 12वें फ्लोर वाला व्यक्ति भी पैदल ही नीचे आकर सामान लेकर जाता है।
बॉम्बे अस्पताल चौराहे से निपानिया तक पुलिस ही नहीं
दावा : आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। सभी को होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा।
हकीकत : ऐसा नहीं हुआ, लोग आ-जा रहे हैं।
दावा : बाहर से लोगों का आना भी प्रतिबंधित रहेगा
हकीकत : ऐसी रोक-टोक नहीं।
दावा : विशेष मेडिकल टीम रहेगी। साथ ही मेडिकल मोबाइल यूनिट होगी।
हकीकत : कहीं भी कोई मेडिकल टीम नजर नहीं आई।
दावा : स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा एग्जिट पॉइंट पर सभी की जांच की जाएगी
हकीकत : कोई जांच नहीं।
दावा : यहां एक टीम हर दिन 50 घरों का दौरा कर सर्वे फॉर्म भरवाएगी
हकीकत : अभी सर्वे नहीं हुआ।
दावा : जरूरी वस्तु, सब्जी आदि के लिए अलग से छोटा वाहन चलेगा
हकीकत : होम डिलीवरी जरूर हो रही है।
दावा : पूरी तरह से पुलिस बल मौजूद रहेगा और सख्ती रहेगी।
हकीकत : बॉम्बे अस्पताल चौराहे के बाद से निपानिया तक कोई पुलिस नहीं दिखी। बॉम्बे अस्पताल व खजराना चौराहे पर ही नाकेबंदी नजर आई, जो वाहन चालकों से पूछताछ कर रही थी।